संघर्ष कर बहुत कुछ सीखा
आज दे रहा हूँ लेखा-जोखा
चोट लगी तो लगा तीखा
लक्ष्य के सामने यह फीका
आगे बढ़ा, राह बनती गयी
अचानक मंजिल सा कुछ दिखा
अनुभव कुछ खट्टा, कुछ मीठा
दिल पर हाथ रख कहता हूँ
मैंने जो देखा, सो लिखा
कई बार हारा, पर लगा रहा
कई बार गिरा, पर उठता रहा
एक विश्वास के साथ टिका रहा
रोया, हंसा भी, खोया, पाया भी
यह अनुभव कुछ खट्टा, कुछ मीठा
दिल पर हाथ रख कहता हूँ
मैंने जो देखा, सो लिखा
विफल रहा तो लगा अनाथ हूँ
सफल हुआ तो सारा जहाँ साथ है
और लगने लगा कि कुछ ख़ास हूँ
संघर्ष से अब तक अनूठा अहसास है
कई मायनों में यह बहुत ख़ास है
यह अनुभव कुछ खट्टा, कुछ मीठा
दिल पर हाथ रख कहता हूँ
मैंने जो देखा, सो लिखा
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