ये कैसा जनतंत्र
भारत निर्माताओं का था ये मूल मंत्र देश में हो ऐसा तंत्र, जो कहलाये जनतंत्र पर अब बदल दी गयी है इसकी भाषा नहीं रही जनतंत्र की वही परिभाषा कहने को रह गया देश में लोकतंत्र हाशिये पे है महात्माओं का मूल मंत्र
इस भूमि पर विकसित हो रहा ऐसा तंत्र..................
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