Friday, November 28, 2008

ये कैसा जनतंत्र


भारत निर्माताओं का था ये मूल मंत्र

देश में हो ऐसा तंत्र, जो कहलाये जनतंत्र

पर अब बदल दी गयी है इसकी भाषा

नहीं रही जनतंत्र की वही परिभाषा

कहने को रह गया देश में लोकतंत्र

हाशिये पे है महात्माओं का मूल मंत्र

इस भूमि पर विकसित हो रहा ऐसा तंत्र
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