ऐ भारत की धरा,
विरासतों से भरा। धन्य हैं हम,
है तुझे नमन।
पंचतत्व का अमृत,
अंतरात्मा जागृत।
ज्ञान का महासागर,
अकूत है पड़ा।
ऐ भारत की धरा,
विरासतों से भरा।
धन्य हैं हम,
है तुझे नमन।
वीर सपूतों का बलिदान,
रखा भारत का मान।
हमारी आन, बान और शान,
महापुरुषों को हृदय से प्रणाम।
ऐ भारत की धरा,
विरासतों से भरा।
धन्य हैं हम,
है तुझे नमन।
No comments:
Post a Comment