Friday, December 4, 2020

अलविदा!

मन दुखी, व्यथित भी

तू सामने खड़ा, ऐसा प्रतीत भी

 

चमकती आँखें, चौड़े ललाट,

शांत भाव, मिलनसार स्वभाव

 

दया करुणा से भरा तन मन,

प्यार समर्पण का अद्भुत दर्शन

 

अनमोल रहा तेरा साथ,

कुछ तो रही वो ख़ास बात

 

जीवन मरण है शाश्वत सत्य,

जीव के काल का अंतिम तथ्य

 

मन तन कर रहा क्रंदन

पवित्र आत्मा को नमन वंदन

 

यार तेरी यादें होंगी साथ,

आएंगे वो लम्हें हमेशा याद

 

मन दुखी, व्यथित भी,

तू सामने खड़ा, ऐसा प्रतीत भी


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