Tuesday, October 26, 2021

भारत दर्शन

ऐ भारत की धरा, 
विरासतों से भरा। 
धन्य हैं हम, 
है तुझे नमन। 


पंचतत्व का अमृत,
अंतरात्मा जागृत। 
ज्ञान का महासागर, 
अकूत है पड़ा। 

ऐ भारत की धरा, 
विरासतों से भरा। 
धन्य हैं हम, 
है तुझे नमन। 

वीर सपूतों का बलिदान, 
रखा भारत का मान। 
हमारी आन, बान और शान, 
महापुरुषों को हृदय से प्रणाम। 

 ऐ भारत की धरा, 
विरासतों से भरा। 
धन्य हैं हम, 
है तुझे नमन।